मर्द का दर्द (प्रगीत)

'वेदना की शांति' एक प्रगीत-संग्रह की पुस्तक है, जिसके रचनाकार सुप्रसिद्ध आंबेडकरवादी साहित्यकार देवचंद्र भारती 'प्रखर' हैं । 'प्रखर' जी 'आंबेडकरवादी साहित्य' पत्रिका के संपादक एवं आंबेडकरवादी साहित्यकारों के वैश्विक संगठन GOAL के महासचिव हैं । 'वेदना की शांति' पुस्तक वर्ष 2019 में रवीना प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित हुई थी । इस पुस्तक में वर्ष 2010 से लेकर 2018 तक की रचनाओं का संग्रह है । इसी पुस्तक से प्रस्तुत है यह रचना - 'मर्द का दर्द' ।

मर्द का दर्द  Mard Ka Dard 

हम तो रो भी नहीं सकते
क्योंकि हम मर्द हैं

छलकते अगर नहीं आँसू
टपकती अगर नहीं बूँदें
सिसकता हो नहीं चेहरा
तो कोई दर्द क्या समझे
      हम तो कह भी नहीं सकते
      क्या हमें दर्द है ?

अगर रो दें कभी खुलकर
कोई तूफान आ जाए
मिले औरत की जब उपमा
तो स्वाभिमान भी जाए
     क्या करें इसीलिए 'प्रखर'
     बड़े ही सर्द हैं ।


📝 'वेदना की शांति' की अन्य लोकप्रिय रचनाएँ -

☸ धनवान के प्रति 
☸ अपमानित प्रतिभा
☸ दुविधा
☸ प्रेरणा 

♻️ रचनाकार : देवचंद्र भारती 'प्रखर'
ISBN : 9788194303947 💠 प्रकाशन वर्ष : 2019

📚 मुद्रित पुस्तक मँगाने के लिए संपर्क करें  :-
♻️ प्रकाशक : रवीना प्रकाशन, नई दिल्ली
☎ 8700774571, 9205127294

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने