भारत में जनसंख्या वृद्धि

प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत गीत, नृत्य, संगीत, नाटक आदि के अतिरिक्त संभाषणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । विद्यालयों में संभाषण की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखकर संभाषण-संग्रह की पुस्तक 'देशप्रेम' की रचना की गयी है । इस पुस्तक के लेखक प्रख्यात साहित्यकार एवं समालोचक देवचंद्र भारती 'प्रखर' हैं । प्रस्तुत है इस पुस्तक से एक संभाषण ।

भारत में जनसंख्या वृद्धि

इस विकासशील देश भारत में जनसंख्या वृद्धि एक प्रमुख समस्या है । बढ़ती हुई जनसंख्या के अनेक दुष्परिणाम सामने हैं । आज देश में जनसंख्या इतनी बढ़ गई है कि देश की फसलों, फलों और सब्जियों के उत्पादन से लोगों की आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो पा रही है । अनाजों की कमी के कारण महंगाई बढ़ रही है ।  हर खाने वाली चीज महंगी होती जा रही है । बाजारों में अनेक मौसमी फल दुकानों पर सजे होते हैं, किंतु खरीदारों की भीड़ नहीं दिखाई देती । अमीर लोग तो किस्म - किस्म के फलों का जायका ले लेते हैं, परंतु गरीबों को बस फलों के दर्शन से संतोष करना पड़ता है । जनसंख्या वृद्धि के कारण नगरों - महानगरों में जाम की समस्याएं बढ़ रही हैं । सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है । गांव में जमीन के बंटवारे को लेकर भाई-भाई में जानलेवा युद्ध हो रहा है ।

तड़प रही देखो मानवता 'प्रखर' बढ़ी आबादी से ।
कौन बचाएगा भारत को अब ऐसी बर्बादी से ।

किसी भी समस्या का निवारण तभी हो सकता है, जब उसका कारण मालूम हो । जनसंख्या वृद्धि के कई कारण हैं कुछ लोग अशिक्षा को इसका मूल कारण मानते हैं जबकि जनसंख्या वृद्धि में शिक्षित लोगों ने भी भरपूर योगदान दिया है पहले नसबंदी की व्यवस्था नहीं होने के कारण जनसंख्या में वृद्धि होती रही, परंतु अब नसबंदी की व्यवस्था होने पर भी अधिकतर लोग महिलाओं की नसबंदी नहीं करा रहे हैं । धार्मिक अंधविश्वास के कारण मुस्लिम महिलाओं की नसबंदी नहीं कराई जाती और हिंदू लोग संतान को 'ईश्वर की देन' समझते हैं । कुछ देहाती लोग अपनी पारिवारिक ताकत बढ़ाने में ऐसी गलती कर बैठते हैं । कुछ लोग लड़कियां होने पर लड़के का इंतजार करने और कुछ लोग लड़के होने पर लड़की का इंतजार करने में भी अधिक संतानें पैदा करके देश की दुर्गति करने में हाथ बंटा रहे हैं ।

'प्रखर' लोग मनमाना ही कर्म कर रहे ।
धर्म के चक्कर में ही अधर्म कर रहे ।।

जनसंख्या वृद्धि के आधारभूत कारणों पर ध्यान न देकर भारत सरकार "छोटा परिवार सुखी परिवार" एवं "बीबी रखो टिप टॉप, दो के बाद फुलस्टॉप" के नारों से खानापूर्ति कर रही है । जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए लोगों की मानसिकता बदलनी होगी तथा मानसिकता बदलने के लिए धर्मों का परिष्कार करना होगा ।

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