संपादक-मंडल
(1) डाॅ. नविला सत्यादास, सेवानिवृत्त प्राध्यापिका, पंजाब
(2) डाॅ. मुकुंद रविदास, सहायक प्राध्यापक, कोयलांचल विश्वविद्यालय, झारखंड
(3) डॉ. दुर्गेश कुमार राय, सहायक प्राध्यापक, के.जी.के. कॉलेज मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
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सदस्यता शुल्क
🔹वार्षिक - 160 रू०🔹द्विवार्षिक - 320 रू०
🔹पंचर्वार्षिक - 800 रू०🔹आजीवन - 4000 रू०
भुगतान विकल्प
नोट :- सदस्यता शुल्क का भुगतान करने के बाद जमापर्ची अथवा रसीद का छायाचित्र संपादक के व्हाट्सएप नंबर 9454199538 पर अवश्य भेजें ।
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दूसरा अंक => कहानी विशेषांक
[ अप्रैल - जून 2021 ]
तीसरा अंक => आंबेडकरवाद : दिशा एवं दृष्टि
[ जुलाई - सितम्बर 2021 ]
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चौथा अंक => आंबेडकरवादी गीतकार एवं गायक विशेषांक
[ अक्टूबर - दिसम्बर 2021 ]
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वर्ष 2021 में प्रकाशित 'आंबेडकरवादी साहित्य' पत्रिका (हिंदी) के तीन अंक एक सेट के रूप में यहाँ उपलब्ध हैं । पहला अंक - कविता विशेषांक । दूसरा अंक - कहानी विशेषांक । चौथा अंक - आंबेडकरवादी गीतकार एवं गायक विशेषांक ।
🔹 कुल पृष्ठ - 250
🔹 अंकित मूल्य - 180 रू०
🔹विक्रय मूल्य - 130 रू०
🔹 छूट - 28 %
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पाँचवाँ अंक => संतकवि रविदास का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
[ जनवरी - मार्च 2022 ]
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छठवाँ अंक => अस्पृश्यता, जातिगत भेदभाव, डाॅ. आंबेडकर और बौद्ध धम्म
[ अप्रैल - जून 2022 ]
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वर्ष 2021 और 2022 में प्रकाशित 'आंबेडकरवादी साहित्य' पत्रिका (हिंदी) के तीन अंक एक सेट के रूप में यहाँ उपलब्ध हैं । तीसरा अंक - आंबेडकरवाद : दिशा एवं दृष्टि । पाँचवाँ अंक - संतकवि रविदास का व्यक्तित्व एवं कृतित्व । छठवाँ अंक - अस्पृश्यता, जातिगत भेदभाव, डाॅ. आंबेडकर और बौद्ध धम्म ।
🔹 कुल पृष्ठ - 216
🔹 अंकित मूल्य - 180 रू०
🔹विक्रय मूल्य - 180 रू०
🔹 छूट - 00 %
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जवाब देंहटाएंअहिच्छत्रा धम्मा हाल, आशापुरम, बरेली (उत्तर प्रदेश) में आज दिनांक 14-02-2021 एक साधारण कार्यक्रम में प्रसिद्ध विद्वान आलोचक देवचंद्र भारती 'प्रखर' जी की पुस्तकों *'आंबेडकरवादी कविता के प्रतिमान' (आलोचना-ग्रंथ), 'दलित जागरण' (कविता-संग्रह) और पत्रिका 'आंबेडकरवादी साहित्य'* का विमोचन प्रसिद्ध ग़ज़लकार एवं वरिष्ठ साहित्यकार समाजसेवी माननीय श्यामलाल राही जी तथा प्रसिद्ध विद्वान, बौद्धाचार्य, क्रांतिकारी आंबेडकरवादी मिशनरी डाॅ० बी०आर० बुद्धप्रिय जी ने किया ।
🏵 माननीय बुद्धप्रिय जी के द्वारा 'प्रखर' जी को शाल प्रदान करके सम्मानित किया गया ।
🏵 इस अवसर पर श्रद्धेया सुरभि साक्षी, सृष्टि साक्षी, डीरेंद्र कुमार, डॉ० कर्मवीर शोले, डाॅ० ईशा आदि उपस्थित थे ।
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आयुष्मान देवचंद्र भारती 'प्रखर' जी, कवि, साहित्यकार, समीक्षक, समालोचक पर हमें गर्व है । अनंत मंगल कामनाओं सहित बधाई । जय भीम - नमो बुद्धाय !
जवाब देंहटाएंअम्बेडकरवादी साहित्य पत्रिका से जुड़े विद्वानगणों का ह्रदय से आभार व बधाई l तथागत से पत्रिका के उज्जवल व उद्देश्यपूर्ण सफलता की मंगलकामना करता हूँ l ✍️ हेम भारती
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