महाकवि एल.एन. सुधाकर जी आंबेडकरवादी साहित्यकारों के वैश्विक संगठन GOAL के सलाहकार हैं । ये एक वरिष्ठ आंबेडकरवादी साहित्यकार एवं चिंतक हैं तथा आंबेडकरवादी साहित्यकारों के लिए आदर्श भी हैं । महाकवि एल.एन. सुधाकर जी का परिचय यहाँ प्रस्तुत है ।
पूरा नाम : लक्ष्मी नारायण सुधाकर
जन्म : 15 मई 1938 को ग्राम अठलकड़ा, मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
शिक्षा : प्रभाकर (हिंदी ऑनर्स) - पंजाब विश्वविद्यालय, बी.ए. (स्नातक) - मेरठ विश्वविद्यालय
प्रकाशित रचनाएँ : बुद्ध और बोधिसत्व आंबेडकर (संपादित), भीमसागर (महाकाव्य), उत्पीड़न की यात्रा (कविता संग्रह), आंबेडकर शतक (काव्य), बुद्धसागर (महाकाव्य), वामन फिर आ रहा है (कविता संग्रह), प्रबुद्ध भारती (काव्य संग्रह) ।
🔗 उत्पीड़न की यात्रा (कविता संग्रह)
पुरस्कार एवं सम्मान : दिल्ली दूरदर्शन, हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित कवि-सम्मेलनों में आमंत्रित कवि के रूप में अनेक बार काव्य-पाठ । अनेक सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सम्मानित । डॉ. आंबेडकर कल्चरल एंड एजुकेशनल सोसायटी आगरा, उत्तर प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त । साहित्य सेवाओं के लिए भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 'डॉ. आंबेडकर नेशनल अवार्ड' (1999), बुद्धसागर के लिए भारतीय दलित साहित्य अकादमी भोपाल, मध्य प्रदेश द्वारा 'संत कबीर काव्य-रत्न सम्मान' (2004), समता सैनिक दल द्वारा 'विशेष साहित्य सम्मान' (2007) ।
संप्रति : उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार) से मई 1996 में 'अनुसंधान अधिकारी' (प्रथम श्रेणी) के पद से सेवानिवृत, पूर्व अध्यक्ष- भारतीय दलित साहित्य मंच (रजिस्टर्ड), दिल्ली
🔗 महाकवि एल.एन. सुधाकर के काव्य में आंबेडकरवादी चिंतन का स्वरूप
संपर्क : एक्स ब्लॉक, मकान नं. 69/3, गली नं. 5-6, ब्रह्मपुरी (न्यू उस्मानपुर), दिल्ली- 110053
मोबाइल : 9868471218
🔗 महाकवि एल.एन. सुधाकर जी का साक्षात्कार
आज से 64 साल पूर्व आज के दिन 4 मार्च सन् 1959 में मेरा बीस साल से ऊपर और मेरी जीवनसाथी लज्जा देवी की आयु तेरह साल से ऊपर की, विवाह हुआ था । अब मैं पचासी का होने वाला हूँ और मेरी जीवनसाथी सतहत्तर की हो गयी हैं । पड़दादा बन गये हैं । परिवार में सभी बेटे बहुएँ, पौत्र-बहुएँ सुशिक्षित, संस्कारवान हैं । बेटी साठ पार करने वाली है और बड़ बेटा उनसठ साल का दादा बन गया है । समस्त कल्याण मित्रों की मंगल कामनाएँ हमारे साथ हैं । 14, अक्टूबर , सन् 1979 में 'गजट आफ इंडिया' में बौद्ध घोषित किया और बेटी की शादी बौद्ध रीति से सम्पन्न हुई । भवतु सब्ब मंगलं! जय भीम - नमो बुद्धाय! ✍️ एल.एन. सुधाकर, 04/03/2023