'वेदना की शांति' एक प्रगीत-संग्रह की पुस्तक है, जो देवचंद्र भारती 'प्रखर' द्वारा रचित है । 'वेदना की शांति' पुस्तक वर्ष 2019 में रवीना प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित हुई थी । इस पुस्तक में वर्ष 2010 से लेकर 2018 तक की रचनाओं का संग्रह है । इसी पुस्तक से प्रस्तुत है यह रचना - 'अनुभव' ।
'अनुभव' नामक इस प्रगीत में देवचंद्र भारती 'प्रखर' ने नये वर्ष में होने वाले अपने कटु अनुभव को अभिव्यक्त किया है ।
नये वर्ष के आने पर भी कवि देवचंद्र भारती 'प्रखर' ने अपने आपको अकेला अनुभव किया है । कवि को ऐसा अनुभव हो रहा है कि उसकी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है । वर्ष भले ही नया है, लेकिन कवि की जीवन-स्थिति में कोई नयापन नहीं है । अतः नव वर्ष का हर्षोल्लास कवि के लिए सारहीन है ।
अनुभव ( Anubhav )
New Year Sad Feeling
नये वर्ष का हर कोई गाए तराना
मेरे लिए अभी वर्ष है वही पुराना
वर्षों से उर में
वेदना का है सूखा
हर एक आसरा मेरा
मर गया है भूखा
लोग कहते हैं बदल गया जमाना
मुझे लग रहा है लोग ही बदले बाना
तब था जैसा हाल,
अभी भी है वैसा ही
मेरा जीवनकाल
अभी भी है वैसा ही
मैंने कब चाहा नहीं जीवन बनाना
क्या करें 'प्रखर', जमाना है मनमाना
📝'वेदना की शांति' की अन्य लोकप्रिय रचनाएँ -
♻️ रचनाकार : देवचंद्र भारती 'प्रखर'
ISBN : 9788194303947 💠 प्रकाशन वर्ष : 2019
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♻️ प्रकाशक : रवीना प्रकाशन, नई दिल्ली
☎ 8700774571, 9205127294
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गीत