GOAL द्वारा आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम (2021 से 2023 तक)

डॉ० भीमराव आंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर दिनांक - 06 दिसंबर 2021, दिन - सोमवार को GOAL की स्थापना की गयी थी । GOAL का पूरा नाम (Full Form) है - Global Organization of Ambedkarised Litterateurs अर्थात् 'आंबेडकरवादी साहित्यकारों का वैश्विक संगठन' ।
  

GOAL के मात्र पाँच उद्देश्य हैं - (1) आंबेडकरवादी चेतना से युक्त साहित्य-सृजन करना । (2) वैश्विक स्तर पर आंबेडकरवादी साहित्यकारों की खोज करके उन्हें आंबेडकरवादी साहित्य की धारा से जोड़ना । (3) आंबेडकरवादी साहित्य एवं पत्रिका का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना तथा पत्रिका के सदस्यों/पाठकों की वृद्धि करना । (4) आंबेडकरवादी कवि-गोष्ठी, साहित्य-सम्मेलन, सेमिनार आदि का समय-समय पर आयोजन करना । (5) आंबेडकरवादी चेतना से संबंधित क्रियात्मक कार्यक्रम, जैसे - साहित्यकारों का सम्मान करने हेतु समारोह आयोजित करना । 

GOAL ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया है । GOAL द्वारा किये गये कार्यों एवं आयोजित किये गये कार्यक्रमों का विवरण अग्रलिखित है ।

आंबेडकरवादी साहित्यकारों के वैश्विक संगठन GOAL द्वारा आयोजित किये गये ऐतिहासिक कार्यक्रम (वर्ष 2021 से 2023 तक) 

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🔶 सन्त शिरोमणि गुरु रविदास जयंती पर हुआ ऑनलाइन कविगोष्ठी का आयोजन ।

संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती के सुअवसर पर 'ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन आफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स' (GOAL) के तत्वाधान में ऑनलाइन कविगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता गोल (GOAL) के अध्यक्ष श्रद्धेय डॉ० राम मनोहर राव ने की तथा कवि गोष्ठी का संचालन जौनपुर (यूपी) के श्रद्धेय नीरज कुमार 'नेचुरल' ने किया । कवि गोष्ठी का आरंभ बुद्ध वंदना से हुई। अलवर (राजस्थान) से कवि रघुवीर सिंह 'नाहर' ने गुरु महिमा पर दोहे सुनाए और गुरु रैदास पर कुंडलिया सुनाई। नारनौल (हरियाणा) से कवि भूपसिंह भारती ने अपनी शैली में गुरु रैदास पर हरियाणवी बोल्ली में 'हो, हो गुरु की गाथा जग गाये, सन्तों में जो शिरोमणि गुरु रैदास कहलाये' रागनी गाकर खूब तालियां बटोरी। गोल (GOAL) के सचिव देवचन्द्र भारती प्रखर ने रविदास पचासा 'जय रविदास आस के दानी, जय गुरुवर जय हो वरदानी' लय में गाकर सबका भरपूर मनोरंजन किया।  लखनऊ से एस०एन० प्रसाद ने गजल का गायन किया। गोल (GOAL) के उपाध्यक्ष मनोहर लाल प्रेमी ने भी अपनी रचना पढ़कर सुनाई। पटियाला (पंजाब) से डॉ० नविला सत्यादास ने भी अपनी अभिव्यक्ति से खूब तालियां बटोरी। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम मनोहर राव ने गुरु रविदास की शिक्षाओं को अपनी गजल 'सन्त शिरोमणि रैदास रहे निर्गुण और निराकार' गाकर सुनाई।अपनी  के अध्यक्ष श्रद्धेय श्याम लाल राही 'प्रियदर्शी' ने भी गजलें सुनाकर सबका खूब मनोरंजन किया। कवि रूप सिंह रूप, श्रद्धेय सूरजपाल और कुमारी आराधना बौद्ध आदि कवियो/कवयित्रियों ने काव्यपाठ किया । सभी रचनाकारों ने गुरु रविदास जी के जीवनचरित्र, उनके व्यक्तित्व व कृतित्व और उनके दर्शन से संबंधित अपनी एक-एक कविता प्रस्तुत की तथा समसामयिक कविताओं का भी सस्वर वाचन किया ।

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🔵 GOAL द्वारा 'महाड जल सत्याग्रह दिवस' पर कवि-सम्मेलन का आयोजन ।     

GOAL के तत्वाधान में 20 मार्च, 2022 को 'महाड जल सत्याग्रह दिवस' के उपलक्ष्य में गूगल मीट पर सायं तीन बजे से सायं साढ़े पाँच बजे तक ऑनलाइन कविगोष्ठी का आयोजन मान्यवर मनोहरलाल प्रेमी (लखनऊ) की अध्यक्षता में हुआ। कविगोष्ठी का मंच संचालन करते हुए कवि भूपसिंह भारती (नारनौल) ने 20 मार्च सन् 1927 को डॉ० भीमराव आंबेडकर द्वारा किये गये महाड जल सत्याग्रह के बारे में बताया तथा पटल से जुड़े साहित्यकारों ने डॉ० आंबेडकर द्वारा किये गये जल सत्याग्रह को अपनी कविताओं के द्वारा अभिव्यक्ति दी। अलवर से जुड़े साहित्यकार आर० एस० नाहर ने अपनी रचना "अब कौन बचाने आएगा, घनघोर घुप्प अंधियारों से'' सुनाकर खूब रँग जमाया। प्रयागराज से कवि राधेश विकास ने "जो पी रहे बिसलरी का पानी, वो भी भूल रहे, चुल्लू का पानी" कविता सुनाकर महाड जल सत्याग्रह को याद किया। वाराणसी से GOAL के संस्थापक कवि देवचंद्र भारती 'प्रखर' ने अपनी रचना 'बीस मार्च का दिवस, छपा इतिहास पृष्ठ पर, किये लोकहित आज, महामानव आंबेडकर' गाकर खूब तालियाँ बटोरी। लखनऊ से कवि शिवनाथ प्रसाद ने महाड जल सत्याग्रह पर अपनी ग़ज़ल सुनाकर सबको मुग्ध कर दिया।

बरेली से डॉ० राम मनोहर राव ने अपनी ग़ज़ल 'आंदोलन में आंबेडकर संग उमड़ा जन सैलाब, पानी ले सकें अस्पृश्य भी कुआँ नदी तालाब' सुनाकर शमा बाँध दिया । नारनौल से साहित्यकार भूपसिंह भारती ने हरियाणवी बोल्ली में स्वरचित रागनी "सदियों सै ये वंचित मानस पाणी नै तरसे भाई, भीमराव नै पीने खातिर पाणी की लड़ी लड़ाई" गाकर खूब रँग जमाया। वरिष्ठ साहित्यकार श्यामलाल राही ने अपनी ग़ज़ल 'आँसू जिसे कहते हैं, वह आँखों का पानी है, रिश्तों की नुमाइश है, जख्मों की निशानी है' गाकर सुनाई। कविगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे GOAL के उपाध्यक्ष मनोहरलाल प्रेमी ने अपनी गजल 'पानी दलितों को वह भी था दुर्लभ यहाँ, प्यासे मरते न पानी का हक था यहाँ" गाकर सुनाई। कविगोष्ठी में डॉ० महीपाल सिंह, गुरदयाल सिंह नाहर, जयसिंह 'जय' आदि जुड़े।

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🔷 आंबेडकर-जयंती की पूर्वसंध्या पर हुआ ऑनलाइन कविगोष्ठी का आयोजन ।

ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटियर्स (GOAL) के तत्वाधान में डॉ. आंबेडकर की 131वीं जयंती की पूर्व संध्या यानी 13 अप्रैल 2022 को सायं 6:00 बजे से 8:00 बजे तक ऑनलाइन कविगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता गोल के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. राम मनोहर राव जी (बरेली) ने की । गोल के सचिव देवचंद्र भारती 'प्रखर' ने जानकारी देते हुए बताया कि मंच का संचालन माननीय राधेश विकास जी (प्रयागराज) द्वारा किया गया। कविगोष्ठी का आरम्भ भीम-वंदना से हुआ। अलवर से आर.एस. नाहर ने 'आते न भीम देश में/कभी न खिलते फूल/नफरत के बाजार में/उड़ती रहती धूल' गाकर सुनायी। नारनौल से साहित्यकार भूपसिंह भारती ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन और उनके कृतित्व पर हरियाणवी बोली में रागनी 'ये बाब्बा साहेब बोल्ये, दिखे लोगां नै समझाकै, शिक्षा का हक थमनै नई राह दिखावैगा/मानव की ज्यूँ जीणा यो आप सिखावैगा' सस्वर सुनाकर खूब तालियाँ बटोरी। लखनऊ से कवि एस.एन. प्रसाद ने 'बीच हमारे नायक बन मनुवादी हरदम वार करेंगे/मानवता के खलनायक कब वंचित जन से प्यार करेंगे' ग़ज़ल गाकर सुनायी । वरिष्ठ साहित्यकार श्यामलाल राही ने अपनी ग़ज़ल 'बाबा के यहाँ आते ही बत्ती सी जल गयी/जो बर्फ रूढ़ियाँ की थी, वो पल में गल गयी' गाकर सुनायी । लखनऊ से कवि मनोहर लाल प्रेमी ने भीम महिमा पर अपनी रचना पढ़ी । बरेली से साहित्यकार डॉ. राम मनोहर राव ने 'दुःख तमाम झेलकर वो स्वयं हुए बड़े/वंचितों को हक़ मिले वो सदा रहे अड़े' ग़ज़ल गाकर सुनायी । कविगोष्ठी में डॉ भीमराव आंबेडकर के जीवन और उनके योगदान को देश के साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं द्वारा प्रस्तुत किया। कवि रूपसिंह, कुँवर नाजुक, वीरेंद्र सिंह दिवाकर आदि ने भी अपनी-अपनी रचनाएँ पढ़ीं ।


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◼️ बुद्धपूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गोल द्वारा ऑनलाइन कविगोष्ठी का हुआ आयोजन ।

ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स के तत्वाधान में दिनांक 14 मई 2022 को ऑनलाइन कविगोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी की अध्यक्षता गोल के अध्यक्ष डॉ. राम मनोहर राव ने किया । संचालन करते हुए नीरज कुमार नेचुरल ने बुद्ध वंदना, त्रिशरण और पंचशील से गोष्ठी का आरंभ किया । गोष्ठी में शामिल कवियों ने तथागत बुद्ध के जीवन चरित्र, बौद्ध धम्म, आंबेडकर-मिशन तथा समसामयिक ज्वलंत मुद्दों पर अपनी कविताएँ प्रस्तुत की । वरिष्ठ आंबेडकरवादी साहित्यकार एल.एन. सुधाकर ने तथागत बुद्ध का महिमागान करते हुए अपनी कविता 'आज बुद्ध के चरणों में नतमस्तक विश्व है सारा' का सस्वर वाचन किया । गोल के उपाध्यक्ष मनोहर लाल प्रेमी ने भगवान बुद्ध और बौद्ध धम्म से संबंधित दोहों को सुंदर लय में सुनाया । प्रसिद्ध ग़ज़लकार श्यामलाल राही प्रियदर्शी ने अपनी ग़ज़ल' 'रहबर वह बनकर आये और रास्ता दिखा दिया, घनी तीरगी में गौतम बुद्ध ने दीपक जला दिया' के माध्यम से अंधविश्वास, ढोंग, पाखंड और काल्पनिकता पर कटाक्ष करते हुए बौद्ध धम्म की वैज्ञानिकता को अभिव्यक्ति दी । ग़ज़लकार बहर बनारसी ने 'जाति और मजहब से लड़ते रहे वो उम्र भर, डॉक्टर आंबेडकर आंबेडकर आंबेडकर' ग़ज़ल सुनाया । नीरज कुमार नेचुरल ने अपना गीत 'अब तो बौद्ध धम्म अपनाकर सब हो जाओ होशियार' सुनाकर बौद्ध धम्म अपनाने की प्रेरणा दी और खूब वाहवाही लूटा । गोल के सचिव देवचंद्र भारती 'प्रखर' ने अपने खंडकाव्य 'परिणय' से सिद्धार्थ गौतम द्वारा गृहत्याग करते समय सिद्धार्थ-यशोधरा संवाद प्रकरण को प्रस्तुत करके यशोधरा की त्यागमयी छवि को चित्रांकित किया । रूप सिंह रूप ने अपनी लंबी कविता 'धम्मसार' के माध्यम से बौद्ध धम्म की सम्पूर्ण विशेषताओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया । गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे डॉ. राम मनोहर राव ने अपनी प्रेरक ग़ज़ल 'मानव-मानव को देते आवाज, करुणा मैत्री भरे धम्म का हो आगाज' सुनाकर गोष्ठी का समापन किया । गोष्ठी में आलोक रंजन और वीरेंद्र सिंह दिवाकर भी शामिल रहे ।


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🔵 GOAL के तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन 

ग्लोबल आर्गेनाइजेशन आफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स के तत्वावधान में दिनांक 29 मई 2022 को एक दिवसीय सेमिनार, यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया । सेमिनार का उद्घाटन भंते करुणानंद ने त्रिशरण, पंचशील के वाचन से किया । 'आंबेडकरी आंदोलन में आंबेडकरवादी साहित्य एवं संगठनों की भूमिका' विषय पर आयोजित इस सेमिनार का संचालन करते हुए वरिष्ठ आंबेडकरवादी साहित्यकार डॉ. बी.आर. बुद्धप्रिय ने 'अनित्य संखारा' का उल्लेख करते हुए कहा कि जो लोग बुद्ध को मानते हैं, उन्हें बुद्ध की इस वाणी का पालन करते हुए सांसारिक परिवर्तन को स्वीकार करना होगा । उन्हें दलित साहित्य की संकुचित अवधारणा को त्यागकर आंबेडकरवादी साहित्य की व्यापक अवधारणा को ग्रहण करना होगा । तभी बुद्ध-दर्शन और आंबेडकरवादी चिंतन पर आधारित साहित्य का समुचित विकास हो पाएगा । आंबेडकरवादी साहित्यकार एवं समालोचक देवचंद्र भारती 'प्रखर' ने 'आंबेडकरवाद और हिंदी साहित्य' विषय पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि आंबेडकरवाद एक ऐसी दार्शनिक विचारधारा है, जिसमें तथागत बुद्ध, संत कबीर, संत रविदास, ज्योतिराव फुले, पेरियार रामास्वामी, संत गाडगे और नारायण गुरु आदि महापुरुषों के क्रांतिकारी विचारों का समावेश है । इस प्रकार आंबेडकरवाद एक व्यापक दृष्टिकोण की विचारधारा है । अनीश्वरवाद, अनात्मवाद, वैज्ञानिक चेतना, समता, स्वतंत्रता, न्याय, बंधुत्व, प्रेम, मैत्री, सामाजिक यथार्थ, अंधविश्वास की आलोचना और सदाचरण आदि आंबेडकरवादी साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ हैं, जिनका सम्यक अनुपालन हर आंबेडकरवादी साहित्यकार को करना चाहिए । विशिष्ट अतिथि माननीय रामेश्वर दयाल ने कहा कि इस सेमिनार का विषय वास्तव में बहुत ही गंभीर एवं महत्वपूर्ण विषय है । लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कृष्णाजी श्रीवास्तव ने कहा कि मैं आंबेडकरवादी चेतना पर आधारित साहित्य एवं साहित्यकारों पर हमेशा शोध करवाता हूँ और करवाता रहूँगा । मुख्य वक्ता प्रोफेसर टी०पी० राही ने आंबेडकरवादी साहित्य की अवधारणा को स्वीकार किया और कहा कि साहित्यिक संगठन गोल का साहित्य जगत में यह क्रांतिकारी एवं सराहनीय प्रयास है । मुख्य अतिथि माननीय आर०आर० प्रसाद ने गोल के इस साहित्यिक आंदोलन में निरंतर सहयोग करने का आश्वासन दिया । आंबेडकरवादी साहित्य से सम्मानित साहित्यकार श्रद्धेय एल०एन० सुधाकर और श्रद्धेय बुद्ध शरण हंस स्वास्थ्य खराब होने के कारण अनुपस्थित रहे । इसलिए संगठन ने यह निर्णय लिया है कि उक्त साहित्यकारों के घर जाकर यह साहित्यिक सम्मान उन्हें सहर्ष प्रदान किया जाएगा । सेमिनार के दूसरे सत्र में डाॅ. राम मनोहर राव द्वारा संपादित पुस्तक 'आंबेडकरवादी चेतना की ग़ज़लें', देवचंद्र भारती 'प्रखर' द्वारा संपादित एवं रचित पुस्तकें 'सुधाकर सागर सार' और 'विषमता के विरुद्ध', डाॅ. बी.आर. बुद्धप्रिय और इं. नागेंद्र कुमार गौतम द्वारा लिखित पुस्तकें 'मानवता के मसीहा डाॅ. आंबेडकर का जीवन दर्शन' और 'धम्मपथ प्रदर्शिका' आदि पाँच पुस्तकों का विमोचन किया गया तथा कविगोष्ठी हुई, जिसमें डॉ० सुरेश कुमार उजाला ने सिद्धार्थ गौतम बुद्ध कैसे बने ? इस विषय पर एक लंबी कविता का सस्वर वाचन किया तथा उन्होंने मंच से आंबेडकरवादी साहित्य की अवधारणा को सहमति प्रदान की । वरिष्ठ साहित्यकार बी०आर० विप्लवी ने अपनी समसामयिक ग़ज़लें सुनाकर खूब वाहवाही लूटी । गोल के उपाध्यक्ष मनोहर लाल प्रेमी ने भी मार्मिक विषयों पर आंबेडकरवादी कविताओं का सस्वर वाचन किया । गोल के अध्यक्ष डॉ० राम मनोहर राव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सेमिनार और संगठन के उद्देश्यों को सार रूप में स्पष्ट किया तथा उन्होंने गोल की स्थापना तिथि 6 दिसंबर को दिल्ली में अधिवेशन आयोजित करने की घोषणा की । इंजीनियर नागेंद्र कुमार गौतम ने सेमिनार में उपस्थित सभी साहित्यकारों एवं शोधार्थियों का धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि समय की यही माँग है कि हम खुद को दलित कहने की बजाय आंबेडकरवादी कहें तथा आंबेडकरवादी साहित्य का सृजन और पाठन करें, जिससे कि आंबेडकरी आंदोलन को सही दिशा मिल सके । इस अवसर पर नीरज कुमार नेचुरल, डॉ० मिलिंद राज, रामसनेही विनय, ज्ञानप्रकाश जख्मी, आशीष सिंह (प्रकाशक, साहित्य संस्थान गाजियाबाद), जालंधर बागी (आंबेडकरवादी मिशनरी गायक), मुकेश कुमार, प्रद्युम्य राव, अनीश, गोलू, आशु, रीतिश राज, राहुल, रोहित आदि लोग उपस्थित रहे ।


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☸️☸️  आंबेडकरवादी साहित्य सम्मान  ☸️☸️

🔹सम्मान प्रदाता संगठन : आंबेडकरवादी साहित्यकारों का वैश्विक संगठन (ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन आॅफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स GOAL) 

🔹सम्मान हेतु पात्रता : आंबेडकरवादी चेतना पर आधारित साहित्य-सृजन करने वाले साहित्यकार ही इस सम्मान के लिए पात्र हैं । आंबेडकरवादी साहित्य सम्मान केवल आंबेडकरवादी साहित्यकारों को ही प्रदान किया जाएगा । आंबेडकरवादी साहित्यकार को बाबा साहेब द्वारा ली गयी बाईस प्रतिज्ञाओं का पालन करना अनिवार्य है ।

🔹साहित्यिक विधा : कविता, गीत, ग़ज़ल, कहानी, उपन्यास, नाटक, आत्मकथा, जीवनी, संस्मरण, रेखाचित्र, यात्रावृत्त, रिपोतार्ज, निबंध, आलोचना आदि सभी विधाओं में ।

🔹सम्मान का स्वरूप : सम्मान-पत्र, शाल और ₹2500 नगद धनराशि ।

🔹भविष्य की योजना : सम्मान की धनराशि को प्रतिवर्ष (तीन वर्षों तक) दोगुना किया जाएगा अर्थात् दूसरे वर्ष सम्मान की धनराशि ₹5000 होगी, तीसरे वर्ष सम्मान की धनराशि ₹10000 होगी और चौथे वर्ष सम्मान की धनराशि ₹20000 होगी । पाँचवें वर्ष ₹5000 जोड़कर सम्मान की धनराशि ₹25000 कर दी जाएगी ।

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🔵 GOAL द्वारा किया गया पाँच पुस्तकों का विमोचन

ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स के तत्वाधान में आयोजित सेमिनार (यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ) के दूसरे सत्र में डाॅ. राम मनोहर राव द्वारा संपादित पुस्तक 'आंबेडकरवादी चेतना की ग़ज़लें', देवचंद्र भारती 'प्रखर' द्वारा संपादित एवं रचित पुस्तकें 'सुधाकर सागर सार' और 'विषमता के विरुद्ध', डाॅ. बी.आर. बुद्धप्रिय और इं. नागेंद्र कुमार गौतम द्वारा लिखित पुस्तकें 'मानवता के मसीहा डाॅ. आंबेडकर का जीवन दर्शन' और 'धम्मपथ प्रदर्शिका' आदि पाँच पुस्तकों का विमोचन किया गया । कुछ झलकियाँ अवलोकनार्थ प्रस्तुत हैं :

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'ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स' (GOAL) के तत्वाधान में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी सप्ताह के अंतर्गत 18 सितम्बर 2022, दिन - रविवार को दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक ऑनलाइन राष्ट्रस्तरीय कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया है ।

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🔹कवि-सम्मेलन में कोई भी कवि/कवयित्री प्रतिभाग ले सकता है, चाहे वह किसी भी लेखक संघ का सदस्य हो ।

🔹इच्छुक प्रतिभागी कृपया कमेंट बॉक्स में अपना नाम, व्हाट्सएप मोबाइल नंबर एवं शहर का नाम लिखकर 15 सितम्बर रात्रि 11:00 बजे तक अवश्य पोस्ट करें ।

🔹उच्च स्तरीय 7 रचनाओं को पुरस्कृत किया जाएगा ।

🔹मात्र 25 कवियों/कवयित्रियों को ही प्रथम सूचना प्राप्ति के आधार पर सम्मिलित किया जा सकेगा ।

🔹कवि-सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रत्येक कवि को डिजिटल प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा तथा पुरस्कृत रचनाकारों को "श्रेष्ठ काव्यकृति सम्मान" के नाम से सम्मान-पत्र प्रदान किया जाएगा ।

🔹कवि-सम्मेलन GOOGLE MEET एप्स के माध्यम से संचालित किया जाएगा, जिसका LINK एक दिन पहले 17 सितम्बर 2022 को साझा किया जाएगा ।


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अध्यक्षता : डॉ. राम मनोहर राव (अध्यक्ष, GOAL)

संचालन : राधेश विकास (सदस्य, GOAL)

◾निर्णायक मंडल :

🔹 श्रद्धेय दामोदर मोरे जी (महाराष्ट्र)

🔹 श्रद्धेय श्यामलाल राही जी (उत्तर प्रदेश)

🔹श्रद्धेया नविला सत्यादास जी (पंजाब)

🔹 श्रद्धेय कर्मशील भारती जी (नई दिल्ली)


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✍️ देवचंद्र भारती 'प्रखर' (सचिव, GOAL)

       📱 9454199538

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'ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स' (GOAL) के तत्वाधान में 18 सितम्बर 2022 को दोपहर 2:00 बजे से सायं 7:00 बजे तक आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रस्तरीय कवि-सम्मेलन हेतु प्रतिभागी कवियों की सूची एवं GOOGLE MEET LINK :

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1. रघुवीर सिंह 'नाहर', अलवर (राजस्थान)

2. बुद्धप्रिय सुरेश सौरभ ग़ाज़ीपुरी, ज़मानियाँ (ग़ाज़ीपुर)

3. सुरेश कुमार 'राजा', बाँदा 

4. अलखदेव प्रसाद'अचल', औरंगाबाद (बिहार)

5. उमेश राज, मुजफ्फरपुर (बिहार)

6. डॉ. सुरेश उजाला, लखनऊ

7. पुष्पा विवेक, नई दिल्ली

8. सुरेश कुमार अकेला, चंदौली

9. समय सिंह जौल, नई दिल्ली

10. अनिल कुमार गौतम, लखनऊ

11. इं. रूपसिंह रूप, आगरा

12. राकेश प्रियदर्शी, पटना (बिहार)

13. जोरावर सिंह, सीहोर (म.प्र)

14. अखिलेश कुमार, भागलपुर (बिहार) 

15. एस.एन. प्रसाद, लखनऊ

16. डाॅ. वेद प्रकाश वेदी, अयोध्या

17. उत्तीर्णा धर, मालदा (पश्चिम बंगाल)

18. याद करण याद, लखनऊ

19. एल.सी.जैदिया 'जैदि' बीकानेर (राजस्थान)


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#अध्यक्षता : डॉ. राम मनोहर राव (अध्यक्ष, GOAL)

#संचालन : राधेश विकास (सदस्य, GOAL)

धन्यवाद ज्ञापन : मनोहर लाल प्रेमी (उपाध्यक्ष, GOAL)

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श्रेष्ठ_काव्यकृति_सम्मान - 2022 🏆  GOAL 🏅

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ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स' (GOAL) के तत्वाधान में 18 सितम्बर 2022 को आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में उत्कृष्ट कविता/दोहे/ग़ज़ल प्रस्तुत करने वाले कवियों व कवयित्रियों की सर्वमान्य सूची निर्णायक-मंडल द्वारा प्राप्त हो चुकी है । फलस्वरूप सभी पुरस्कृत रचनाकारों को 'श्रेष्ठ काव्यकृति सम्मान' का प्रमाण-पत्र सहर्ष प्रेषित किया जाता है ।


नोट - संगठन द्वारा पूर्व में सात रचनाकारों को पुरस्कृत करने की घोषणा की गयी थी । किंतु कुछ विशेष कारणों से आठ रचनाकारों को पुरस्कृत किया गया है ।


💐💐💐 'श्रेष्ठ काव्यकृति सम्मान' से सम्मानित समस्त रचनाकारों को GOAL संगठन परिवार की ओर से हार्दिक बधाई एवं मंगलकामनाएँ!!! 💐💐💐💐💐


◾पुरस्कृत रचनाकारों की उत्कृष्ट रचना का नाम व उनके पता सहित उनके नामों की सूची निम्न है - 👇

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 क्रम-   रचना    -    रचनाकार     -     पता

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1. 'दोहे' - रघुवीर सिंह 'नाहर' (नारनौल, हरियाणा)

2. 'अब झेलो' - डॉ. सुरेश उजाला (लखनऊ, उत्तर प्रदेश)

3. 'औरत कमजोर नहीं' - पुष्पा विवेक (नई दिल्ली)

4. 'पर प्रतिरोध जरूरी हो' -  रूप सिंह रूप (आगरा, उत्तर प्रदेश)

5. 'ग़ज़लें' - डाॅ. एल.सी. जैदिया 'जैदि' (बीकानेर, राजस्थान) 

6. 'पीपल' - डॉ. वेद प्रकाश वेदी (अयोध्या, उत्तर प्रदेश)

7. 'इतिहास' - राकेश प्रियदर्शी (पटना, बिहार)

8. 'हिंदी भाषा' - उत्तीर्णा धर (मालदा, पश्चिम बंगाल)

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साहित्यिक सम्मान प्रदान करने का एक अनूठा तरीका _ 👉 आवेदन नहीं, प्रतिभाग कीजिए । 

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❇️ साहित्यकारों को पुरस्कार लेने के लिए आवेदन (निवेदन) करना पड़ता है । हमारी (GOAL की) दृष्टि में यह तरीका बिल्कुल गलत है । इसलिए हमारी योजना है -

।। प्रतिभाग कीजिए ।। पुरस्कार लीजिए ।।


💠 'ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स' (GOAL) के तत्वावधान में धम्म दीक्षा दिवस  (14 अक्टूबर 2022) के उपलक्ष्य में 'धम्म प्रहरी सम्मान' का आयोजन किया गया है । 

🔹 इस सम्मान हेतु कोई भी रचनाकार प्रतिभाग कर सकता है, चाहे वह किसी भी लेखक संघ का सदस्य हो, GOAL का भी ।

🔹 इच्छुक प्रतिभागी कृपया कमेंट बॉक्स में अपना नाम, व्हाट्सएप मोबाइल नंबर एवं शहर का नाम लिखें तथा 9 अक्टूबर रात्रि 11:00 बजे तक व्हाट्सएप नंबर 9454199538 पर अपनी दो काव्य रचनाओं की वीडियो रिकार्डिंग अवश्य भेजें । वीडियो में अपना नाम और अपने शहर का नाम बोलकर ही रचना को रिकॉर्ड करें । साथ ही, लिखित रूप में रचनाओं को भेजना अनिवार्य है ।

🔹 काव्य रचनाएँ अप्रकाशित एवं नवीन होनी चाहिए । केवल धम्म विषयक रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगी । यथा - बौद्ध दर्शन, डाॅ० आंबेडकर का धम्म संबंधी चिंतन और आंदोलन, वर्तमान में धम्म का स्वरूप, गृहस्थ और भिक्खु का कर्तव्य, धम्म की प्रासंगिकता, धम्म जीवन शैली, बौद्ध विहारों की उपयोगिता, धम्म संस्कार, धम्म शिक्षा, धम्म चक्र प्रवर्तन का प्रसंग, डाॅ० आंबेडकर की धम्मदीक्षा आदि ।

🔹 निर्णायक-मंडल द्वारा चयनित धम्मसंगत उच्च स्तरीय रचनाओं को पुरस्कृत किया जाएगा तथा रचनाकार को "धम्म प्रहरी सम्मान" प्रदान किया जाएगा ।

🔹 परिणाम की घोषणा और सम्मान वितरण (डिजिटल) दिनांक 14 अक्टूबर 2022 दिन - शुक्रवार को किया जाएगा ।

🔹 सभी पुरस्कृत काव्य रचनाओं को लिखित एवं वीडियो के रूप में आंबेडकरवादी साहित्य की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज आदि सभी पर 14 अक्टूबर 2022 को प्रसारित भी किया जाएगा ।

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              ◾निर्णायक - मंडल◾

🔹 श्रद्धेय एल.एन. सुधाकर जी (नई दिल्ली) 

🔹 श्रद्धेय बुद्ध शरण हंस जी (बिहार) 

🔹 श्रद्धेया डॉ. जयश्री शिंदे जी (महाराष्ट्र) 

🔹 श्रद्धेय डॉ. मुकुंद रविदास जी (झारखंड)

🔹 श्रद्धेय भंते आलोक बौद्ध जी (उत्तर प्रदेश)


⚕️आयोजक - ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ आंबेडकराइज्ड लिटरेटिअर्स' - GOAL⚕️

🔹अध्यक्ष : डॉ. राम मनोहर राव 7060240326

🔹उपाध्यक्ष : मनोहर लाल प्रेमी 8887792827

🔹सचिव : देवचंद्र भारती 'प्रखर' 9454199538

🔹कोषाध्यक्ष : नीरज कुमार नेचुरल 8318543949

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